"भर जायेंगे ज़ख्म भी वक़्त के साथ,
याद रह जायेंगे तेरे काँटों वाले हाथ,
जिसने रह रह कर मेरे जख्मों पर चुभाये हैं." मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....