Sunday, March 4, 2012
Saturday, February 25, 2012
कैसे पत्थर को, लोग खुदा कर देते हैं
आ रही है समझ में हर बात परस्तिश की "रजनी",
कैसे पत्थर को, लोग खुदा कर देते हैं |
कैसे पत्थर को, लोग खुदा कर देते हैं |
Wednesday, February 1, 2012
तलाश लिया हमने पत्थरों में
जैसे तलाशता है ताईर कोई ,उड़ान के आकाश को,
तलाश लिया हमने पत्थरों में, एक अल्मास को . "रजनी"
तलाश लिया हमने पत्थरों में, एक अल्मास को . "रजनी"
Tuesday, January 24, 2012
इतनी मेहरबानियाँ दिखला कर, तुने ऐ ज़िन्दगी
तुझसे मांगी मुस्कराहट, मुस्कराहट तुमने दे दी,
तुझसे मांगी जीने की चाहत ,चाहत तुमने दे दी,
तुझसे मांगी ग़मों से राहत, राहत तुने दे दी,
इतनी मेहरबानियाँ दिखला कर, तुने ऐ ज़िन्दगी ?
मुझे उम्रभर के वास्ते अपना कर्ज़दार बना दिया."रजनी"
Tuesday, January 17, 2012
हर बार मुस्कुराने की कीमत ली ज़िन्दगी ने
"हर बार मुस्कुराने की कीमत ली ज़िन्दगी ने,
कहकहों में डूबा कर चश्म-तर कर दिया है. "रजनी"
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यूँ तो कट रहे दिन किस्तों में, गुजर जायेंगे,
राह पुरखार या फिर गुलों से भरे , सफ़र तो याद आयेंगे.
"रजनी"
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